Monday, November 6, 2023

भवानी मंडप

 भवानी मंडप हमेशा से हि बहोत चींजो से घिरा रहा हैं,एक तरफ उसका इतिहास है जो हमेशा और पुराना और महान बनता जा रहा हैं....उसकी दो तरफ से वो एक आध्यात्मिकता और धर्म के बींच अटका पडा हैैं.... तो एक तरफ कुछ नियम और नैतिकतायें.......जैसे हि हम वो बडी कमान लांघ वहा दाखिल होते तो बहोत सारे दबाव और अराजकता का बडा जाल तोड एक अलग आकाशगंगा दाखिल होते.. बहोत सारे दबावो में वो अपने माहौल को संभाले रखता हैं ...वैसे देखा जाये तो यहा आने वाली भीड़ की मानसिकता भी अलग अलग स्तरों की होती है सबका अपना कुछ ना कुछ स्वार्थ होता है...पर यहां प्रेम करने पे पाबंदी नहीं...शादीशुदा से लेकर अपने प्यार की आजमाईश करने वाले हर तरहा के जोडे यहां अपनी दुनिया से अलग उनका अपना एकांत छांट लाते हैं...ये Space उन्हें हमेशा हि Secure और Secular दोनों feel कराती है...
जैसे मुझे याद है कि पहले यहां से बहोत सारी public transport निकला करती थी...शहर छोटा होने के कारण सफर चंद लम्हों का होता पर अक्सर अपनी बारी का इंतजार करती बसें कोनों में लगी रहती...उन बसों के एकांत में हि प्रेमी जोडे अपनी सुरक्षितता ढुंढकर डेरा डाल घंटो सींटो पर बैठा करते उन्हें उस बाहर के भीड कि चिंता या डर नहीं था पर कहीं ये बस के निकलने का वक्त हो गया तो फिर से नई बस ढुंढने की झंझट सता रही थी...वैसे देखा जाये तो हर बार बस से घर जाते वक्त वो बस कि छोटी सींटे हमेशा तकलीफ देती पर जब वो बगल में होती तो ऐसा लगता कि काश सींट और छोटी होती...वो सींट हि कुछ समय के लिए उनका ठिकाणा बनती और वो बस उनकी एक दुनिया जो उनके प्यार में वही खडी उन जोडो को एकदुसरों कि दुनिया टटोलनें में और जानने में मदत करती...पर जब भी कंडक्टर और ड्रायव्हर बसमें दाखिल होते तो लगता कोई दुसरा ग्रह यहां पर आ पटका उनकी दुनिया दुसरी तरफ ले जा रहा हो...

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